निबंध लेखन

Middle School Level

एक फूल की आत्मकथा

एक फूल की आत्मकथा

आपने ठीक पहचाना! मैं गुलाब का फूल हूँ।

 

मेरा जन्म एक फुलवारी में हुआ था। एक पौधे की डाल पर मैंने आँखें खोली थीं। मेरा बचपन कली के रूप में बीता। उस समय हवा की लहरें मुझे झूला झुलाती थीं । तितलियाँ मेरा मुँह चूमती थीं। धीरे-धीरे मैं पूरी तरह खिल गया। उस समय मेरी शोभा देखते ही बनती थी।

 

एक लड़की विद्यालय जा रही थी। मैंने उसका मन मोह लिया। वह मुझे तोड़ने लगी। मेरा एक काँटा उसकी उँगली में चुभ गया। फिर भी उसने मुझे तोड़

 

लिया। माँ से अलग होना मुझे अच्छा नहीं लगा, पर क्या करता! उस लड़की ने मुझे अपने बालों में लगा लिया। मुझे देखकर उसकी एक सहेली बोली, ‘अरे, यह फूलों का राजा तुझे कहाँ से मिल गया ?”

 

शाम को उसने मुझे बालों से निकाला और खिड़की पर रख दिया। सुबह किसी ने मुझे उठाकर रास्ते पर फेंक दिया। अब आप मेरा बुरा हाल देख ही रहे है। बस, मिट्टी में मिल जाना ही बाकी रहा है !

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