Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Nine

पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

रुक्मणी जी को ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। लेखिका ने वीरभूमि राजस्थान की यात्रा का वर्णन इस पाठ में किया है। वहाँ के शाही महल एवं उनकी कलात्मकता का चित्रमय वर्णन पाठ में हुआ है। मेहरान गढ़ किला राजस्थान की कला का एक सुंदर उदाहरण है। पटवा की हवेलियाँ कलात्मक वास्तु शिल्प का अद्भुत नमूना है। चित्तौड़गढ़ के दर्शनीय स्थल सभी पर्यटकों के आकर्षक केंद्र हैं। सचमुच राजस्थान सिर्फ एक वीरभूमि ही नहीं बल्कि कला संस्कृति की अनुपम भूमि भी है।

लौहपथगामिनी – रेल 

जौहर – चिता में सामूहिक आत्मदहन

सैलाब – पानी की बाढ़

 

मुहावरे

दृष्टिगोचर होना – दिखाई देना

वाक्य : आज चांदनी रात होने के कारण से रात को भी दृष्टिगोचर होने लगा है।

 

दस्तक देना – दरवाजा खटखटाना

वाक्य : मेरे इस दुख भरे संसार में पता नहीं लक्ष्मी कब दस्तक देगी।

श्रवणीय

किसी ऐतिहासिक स्थल का वर्णन सुनिए और सुनते समय मुद्दों का आकलन कीजिए :

    • अपने परिवेश के ऐतिहासिक स्थलों के नाम पूछें ।
    • भारत के विभिन्न राज्यों के ऐतिहासिक स्थलों के नाम बताने के लिए कहें ।
    • देखे हुए ऐतिहासिक स्थलों का वर्णन एक दूसरे को सुनाने के लिए कहें ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

पठनीय

हिंदवी स्‍वराज्‍य निर्माता छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी का अंश पढ़कर प्रेणा प्राप्त कीजिए।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

संभाषणीय

स्‍वयं देखे हुए महाराष्‍ट्र के दर्शनीय स्‍थलों के अपने बारे में मित्रों को बताइए ।

उत्तर: महाराष्ट्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है और यहाँ पर्यटन स्थलों के रूप में बहुत बड़ा खज़ाना है। कई गुफाएँ, आकर्षक हिल स्टेशन, समुद्र तट, बड़ी संख्या में वन्य जीव, भक्ति के पवित्र स्थल आदि, महाराष्ट्र में सब कुछ है। हालांकि बॉलीवुड एक ऐसी चीज़ है; जो इस राज्य को दूसरे राज्यों के मुकाबले बढ़त देता है। घूमने के शौकीनों के लिए महाराष्ट्र अपने आप में एक पूरा पर्यटन स्थल है। अपने सभी आकर्षणों के साथ महाराष्ट्र का एक ऐसा आभा मंडल है जिसे अनदेखा करना मुश्किल है। महाराष्ट्र राज्य में अजंता और एलोरा ऐसे दो विश्व विरासत स्थल हैं जो हमेशा से पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। अगर आप तीन हज़ार साल पहले धर्म और इंसानी कल्पना को चित्रों और मूर्तियों के रूप में देखना चाहते हैं तो आपको अजंता की यात्रा जरूर करनी चाहिए। मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है। यहाँ देखने लायक जगहों में गेट वे ऑफ इंडिया, हैगिंग गार्डन, महालक्ष्मी मंदिर, हाजी अली दरगाह, मरीन ड्राइव, जुहू बीच और चौपाटी शामिल हैं। मुंबई शहर बॉलीवुड का गढ़ भी है। एस्सेल वर्ल्ड देश में बच्चों द्वारा सबसे ज्यादा देखी जानेवाली जगह है। महाबलेश्वर, लोनावाला और खंडाला की साफ हवा, शांत वातावरण, सुंदर और शांत झील और शानदार झरने आपको शहर की हलचल से दूर आनंद की अनुभूति देते हैं। हरिहरेश्वर, गणपतिपुले, जेजुरी, पंढरपुर, सिद्धिविनायक मंदिर, शिरडी आदि यहाँ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।

आसपास

ऐतिहासिक स्थलों के चित्रों का ‘कोलाज’ तैयार कीजिए ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए : 

(१) उत्‍तर लिखिए :

(क) ऊँट की सवारी करने के बाद लेखिका की स्‍थिति-

उत्तर: डर भी लग रहा था, प्रसन्नता भी हो रही थी, उत्सुकता भी ।

 

(ख) ऊँट की सवारी का अनुभव रोमांचकारी और मनोरंजक था, यह दर्शाने वाला वाक्‍य

उत्तर: सभी की हृदयगति वैसे ही धड़क रही थी, जैसी हमारी ।

(२) जोड़ियाँ मिलाइए :

            अ                

(क) रेगिस्‍तान का जहाज

(ख) मखमली गद्दे          

(ग) रंग-बिरंगी पोशाक   

(घ) पर्यटकों की मंजिल  

आ 

सूर्यास्‍त

ऊँट

होटल

रेत

पर्यटक

उत्तर: 

            अ                

(क) रेगिस्‍तान का जहाज

(ख) मखमली गद्दे          

(ग) रंग-बिरंगी पोशाक   

(घ) पर्यटकों की मंजिल  

आ 

ऊंट

रेत

पर्यटक

सूर्यास्त

(३) परिच्छेद में प्रयुक्‍त विलाेम शब्‍द की जोड़ी लिखिए ।

उत्तर: 

शत्रु × मित्र

वीरता × कायरता

समीप × दूर

अनेक × एक

सजीव × निर्जीव

युद्ध × शांति

बाल × वृद्ध

नर × नारी

अंदर × बाहर

हार × जीत

गुण × दोष

(४) ‘मेरा यात्रानुभव’ पर आपके विचार लिखिए।

उत्तर: अपने जीवन काल में मनुष्य को अनेक यात्राओं का अनुभव होता है। कुछ यात्राएँ लोग सुख व मनोरंजन के लिए करते हैं तो कुछ आवश्यकतापरक होती हैं। पिछली दिवाली की छुट्टियों में हम कुछ सहपाठी माथेरान गए थे। मुंबई के सी. एस. टी. स्टेशन से रेलगाड़ी में बैठकर हम नेरल पहुँचे। वहाँ जलपान करके हम खिलौने जैसी ‘मिनी’ रेलगाड़ी में सवार हुए। मखमल – सी मुलायम हरे वृक्ष और सघन घाटियों की शोभा देखते हुए हम माथेरान पहुँचे। माथेरान का वातावरण मोहक और स्फूर्तिदायक था। लाल-लाल मटियाले रास्ते और घनी हरियाली । भरी दोपहर में भी वहाँ ठंडी हवा चलती है। सुबह और शाम को घूम कर हमने अनेक प्राकृतिक दृश्य देखें । प्राकृतिक दृश्य की सुंदरता अनोखी थी। इनमें से कुछ दृश्य हमें बहुत ही अच्छे लगे। ‘एको पॉइंट’ (प्रतिध्वनि बिंदु) पर हमने जोर-जोर से चिल्लाकर अपनी अनेक प्रतिध्वनि सुनी। एक दिन शाम को हमने सूर्यास्त बिंदु (सनसेट पॉईंट) पर डूबते हुए सूर्य का अद्भुत दृश्य देखा। हमने शारलोट तालाब की सुंदरता भी देखी। हमने घुड़सवारी और रिक्शा में बैठने का मज़ा भी लिया। हमने अपने कैमरों से कई तस्वीरें भी खीचीं। हम दिनभर घूमते रहे पर हमें थकान का अनुभव नहीं हुआ। माथेरान में चार दिन चार पल की तरह बीत गए। हम वहाँ से लौट आए पर वहाँ के मनोहर दृश्य आज भी मेरी आँखों के सामने घूम रहे हैं।

लेखनीय

‘चितौड़गढ़ बोलने लगा तो…..’ अपने शब्‍दों में लिखिए ।

उत्तर: चित्तौड़गढ़ एक ऐतिहासिक वास्तु है । यह त्याग, बलिदान एवं वीरता की पहचान है। इसका निर्माण ७ वीं शताब्दी में मौर्य के शासन काल में किया गया था और इसका नाम भी मौर्य शासक चित्रांगदा मोरी के बाद ही रखा गया था। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार चित्तौड़गढ़ किला ८३४ सालों तक मेवाड़ की राजधानी रह चुका था। इसकी स्थापना ७३४ में मेवाड़ के सिसोदिया वंश के शासक बाप्पा रावल ने की थी। आज भी यह किला बड़े शान से मेवाड़ की धरती पर खड़ा है। इसे देखने के बाद मेरे मन में विचार आया कि यदि चित्तौड़गढ़ बोलने लगा तो…’

 

चित्तौड़गढ़ बोलने लगा, तो वह अपनी सारी ऐतिहासिक गाथा हमारे सामने प्रस्तुत करेगा। वह अपनी कहानी इस प्रकार कहेगा,

“मैं भारत के विशालतम किलों में से एक हूँ। मैं एक वर्ल्ड हेरिटेज दुर्ग भी हूँ। मैं विशेषतः मेवाड़ की राजधानी के नाम से जाना जाता हूँ। पहले मेरे ऊपर गहलौत का शासन था और बाद में सिसोदिया का शासनकाल था । चित्तौड़ी राजपूत के सूर्यवंशी वंश ने ७ वीं शताब्दी से १५६७ तक परित्याग करने तक शासन किया और १५६७ में अकबर ने मेरी घेराबंदी की थी। मैं १८० मीटर पहाड़ी की ऊँचाई पर बना हुआ हूँ और ६९१.९ एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ हूँ। मुझसे जुड़ी बहुत-सी ऐतिहासिक घटनाएँ हैं। आज मैं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हूँ।

 

१५ से १६ वीं शताब्दी के बाद मुझे तीन बार लुटा गया था । १३०३ में अलाउद्दीन खिलजी ने राणा रतन सिंह को पराजित किया था । १५३५ में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने विक्रमजीत सिंह को पराजित किया था और १५६७ में अकबर ने महाराणा उदय सिंह द्वितीय को पराजित किया था। लेकिन तीनों समय राजपूत सैनिकों ने जी-जान से लड़ाई की थीं। उन्होंने महल को एवं राज्य को बचाने की हर संभव कोशिश की थी लेकिन हर बार उन्हें हार का ही सामना करना पड़ रहा था। सैनिकों के पराजित होने के बाद राजपूत सैनिकों की तकरीबन १३,००० से भी ज्यादा महिलाओं और बच्चों ने जौहर कर लिया था और अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। सबसे पहले जौहर राणा रतन सिंह की पत्नी रानी पद्मिनी ने किया था। उनके पति १३०३ के युद्ध में मारे गए थे और बाद में १५३७ में रानी कर्णावती ने भी जौहर किया था।

 

जी हाँ, मैं इन सभी महिलाओं के जौहर का साक्षी हूँ । इसीलिए मैं राष्ट्रप्रेम, हिम्मत, मध्यकालीन वीरता और मेवाड़ के सिसोदिया और बच्चों का राज्य के प्रति बलिदान देने का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण हूँ। उस समय राजपूत शासक, सैनिक, महिलाएँ और स्थानिक लोग मुगल सेना के समक्ष समस्त समर्पण करने के बजाय लड़ते-लड़ते प्राणों की आहुति देना ठीक समझते थे । २०१३ में कोलंबिया के फ्लोम पेन्ह ( Phonm Penh) में वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के ३७ वें सेशन में मेरे साथ ही राजस्थान के पाँच और किलो को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया गया था। “

मौलिक सृजन

‘ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा एवं संवर्धन करना हमारा कर्तव्य है’, इसके आधार पर चर्चा कीजिए और दिए गए मुद्दों से सूचना फलक तैयार कीजिए :

IMG 20230926 161443 jpg पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

उत्तर: बहुत बड़े और बहुत पुराने देशों की कुछ पुरानी और बड़ी समस्याएँ भी होती हैं। हमारी एक बहुत बड़ी समस्या प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षित रखने की भी है । पूरे देश में ऐसी अनगिनत प्राचीन और ऐतिहासिक महत्त्व की इमारतें हैं जिनकी देखभाल ठीक से नहीं हो रही हैं।

 

पिछले एक दशक से भारत में बदलाव की जो हवा चल रही है। उसके अंतर्गत अब यह माना जा रहा है कि देश की धरोहर के संरक्षण की ज़िम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों ने भी इस ज़िम्मेदारी को स्वीकार किया है।

 

‘सेल’ ने दिल्ली के लोदी गार्डन की इमारतों की मरम्मत तथा साज सज्जा के लिए बनाई गई एक योजना में १० करोड़ रुपए लगाए हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने कान्हेरी की गुफाओं तथा कोणार्क मंदिर के रिनोवेशन’ के लिए २५ करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। इन दोनों प्रयासों से उत्साहित होकर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अब व्यापक स्तर पर बड़े औद्योगिक घरानों तथा व्यापार संगठनों को इस काम में शामिल करना चाहता है।

 

अभी हाल में ही मंत्रालय ने ‘रिलायंस’, ‘हीरो होंडा’, ‘सैमसंग’, ‘एमआरएफ’, ‘एवीवा’, ‘विप्रो’, ‘एलजी’, जैसी कंपनियों को एक पत्र लिखकर ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षा एवं उनका संवर्धन देने की अपील की है। यह निश्चित रूप से एक सार्थक प्रयास है और आशा की जाती है कि बड़े औद्योगिक और व्यापारी घराने अपनी ‘पब्लिक इमेज’ बनाने के लिए इस दिशा में आगे बढ़ेंगे । ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण के लिए सरकार एक बड़ी व्यापक और कारगर नीति बनाएँ। छोटे शहरों में ऐसी तमाम इमारतें हैं जो उपेक्षित पड़ी हैं। इन इमारतों पर अवैध कब्ज़े हैं तथा कुछ लोगों ने उन्हें अपनी निजी संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ऐसी इमारतों की एक बड़ी सूची बनाना जरूरी है ताकि यह पता चल सके कि वे कहाँ है, किस स्थिति में हैं और उनका संरक्षण कैसे किया जा सकता है। ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण में आम आदमी की भागीदारी बहुत आवश्यक है। ऐतिहासिक स्थलों और सैर करने जाने वाले पर्यटक वहाँ पर कूड़ा कचरा व प्लास्टिक आदि फेंककर प्रदूषण फैलाते हैं। यह बहुत ही चिंता का विषय है। ऐतिहासिक स्थलों की हिफाजत करना सभी का कर्तव्य हैं। उन्हें साफ-सुथरा रखने के लिए सभी लोगों को अपनी ओर से प्रयास करना चाहिए। हमें अपने देश के ऐतिहासिक स्थलों के प्रति आस्था का भाव रखना चाहिए।

विषय से…

राष्‍ट्र का गौरव बनाए रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों द्‌वारा किए सराहनीय कार्यों की सूची बनाइए ।

नौवीं कक्षा पाठ-२ इतिहास और राजनीति शास्‍त्र

उत्तर: 

१. पं. जवाहर लाल नेहरू :

    • गुट निरपेक्ष आंदोलन की रचना।

 

२. इंदिरा गांधी :

    • परमाणु कार्यक्रम की शुरूआत।
    • बैंकों का राष्ट्रीकरण करना।

 

३. राजीव गाँधी :

    • गुट निरपेक्ष आंदोलन का नेतृत्व।
    • भारत को कम्प्यूटर से जोड़ना।

 

४. पी. वी. नरसिम्हा राव :

    • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष नीति का प्रारंभ।
    • परमाणु कार्यक्रमों की शुरूआत करना।

 

५. इन्द्र कुमार गुजराल :

    • श्रीलंका में शांति सेना भेजना।

 

६ . अटल बिहारी वाजपेयी :

    • कारगिल युद्ध में विजय।
    • पोखरण में परमाणु परीक्षण।
    • संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण।

 

७. डा. मनमोहन सिंह :

    • भारतीय अर्थ व्यवस्था को विश्व अर्थ व्यवस्था के साथ जोड़ देना।

पाठ के आँगन में

(१) सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

(क) संजाल :

IMG 20230926 161516 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

उत्तर: 

IMG 20230926 161808 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

(ख) संजाल पूर्ण कीजिए :

IMG 20230926 161558 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

उत्तर: 

IMG 20230926 162056 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

(२) दिए गए शब्दों के वर्णों का उपयोग करके चार-पाँच अर्थपूर्ण शब्द तैयार कीजिए :

IMG 20230926 161610 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

उत्तर: 

IMG 20230926 161908 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

(३) उत्तर लिखिए :

स्वयं पढ़े हुए यात्रावर्णन :

उत्तर: 

(च) कितनी नावों में कितनी बार : अज्ञेय

(छ) स्मरण यात्रा : काका कालेलकर

 

(४) केवल एक शब्‍द में उत्‍तर लिखिए :

(त) वीर जवानों का वह देश जो धरती का गहना है ।

उत्तर: भारत देश

 

(थ) महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम ।

उत्तर: चेतक

पाठ से आगे

ऐतिहासिक वस्तु संग्रहालय देखने का आयोजन करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।

उत्तर: ऐतिहासिक वस्तु संग्रहालय देखना एक अद्वितीय और शिक्षाप्रद अनुभव था। संग्रहालय के प्रदर्शनी गैलरी में विशाल और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक आकृतियाँ, पुरातात्विक खजाने, और सांस्कृतिक धरोहरों का खजाना था।

 

पहली नजर में ही संग्रहालय की भव्यता और विविधता ने मेरे मन को प्रभावित किया। यहाँ के विचित्र आकृतियाँ और पुरानी रस्मों की व्यापकता मेरे लिए अद्वितीय थीं।

 

मुझे विशेष रूप से विद्यमान ऐतिहासिक वस्तुओं के विवरण और महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, जैसे कि महात्मा गांधी के चश्मे, चार्ल्स डार्विन की प्रारंभिक ड्रा इंग, और रोमन साम्राज्य के आकृतियाँ।

 

इस संग्रहालय दौरे के दौरान, मैंने भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति नई समझ प्राप्त की और मेरे मन में गर्व का भाव हुआ। यह दर्शनीय अनुभव मेरे जीवन का अनमोल हिस्सा बन गया है, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता।

स्वमत – अभिव्यक्ति :

मैं पाठशाला जा रहा था । रास्ते में एक युवक अपनी मोटरसाइकिल आड़ी-टेढ़ी चलाते, अपनी कलाबाजियाँ दिखाते हुए तथा जोर-जोर से हॉर्न बजाकर लोगों को परेशान कर रहा था। उसे देखकर मेरे मन में विचार आए ….

उत्तर: आधुनिक युवकों के लिए स्टंट दिखाना तो बाएँ हाथ का खेल है। स्टंट दिखाने के लिए वे रत्तीभर भी कसर नहीं छोड़ते हैं। जब मौका मिले, तब शुरू हो जाते हैं। अपनी खोखली कलाबाजियों से लोगों पर क्या गुजरती होगी, इसका तनिक भी असर उन पर नहीं पड़ता है। आखिर वे अपनी मस्ती एवं धुन में मशगूल जो होते हैं। आज के युवक फैशन एवं अपनी कलाबाजियाँ दिखाने के लिए अपनी मोटरसाइकिल आधी टेढ़ी चलाते हैं तथा जोर-जोर से हॉर्न बजाकर लोगों को परेशान करते हैं। यह तो उनके लिए एक खेल हो जाता है, पर रास्ते पर चलते समय लोगों को जिन तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं, उनसे तो वे युवक अनभिज्ञ होते हैं। वे तो बस फैशन एवं स्टंट दिखाने के आदी हो गए हैं। आधुनिक युग में ध्वनि-प्रदूषण समय की एक बड़ी समस्या बन गई है। पिछले कुछ वर्षों से इस समस्या ने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है। इस समस्या के पीछे औद्योगीकरण, यातायात के आधुनिक साधनों तथा बढ़ती मानवीय गतिविधियों का बहुत बड़ा हाथ है। मोटरसाइकिल, ट्रेन, वायुयान आदि वातावरण में तरह-तरह की ध्वनियाँ छोड़ते हैं। ये ध्वनियाँ हमारे कानों से टकराकर हमारे चित्त को अशांत कर देती हैं, जिससे मानसिक तनाव बहरापन आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। सभी को सड़क यातायात नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए, खासतौर पर युवा लोगों को जो महत्त्वपूर्ण सड़क दुर्घटना के खतरे पर रहते हैं। युवकों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के कई सारे तरीके हैं। जैसे सेमिनार, कार्यशाला, पाठ्यक्रम में मूल सड़क सुरक्षा पाठ जोड़ने के द्वारा विद्यार्थी शिक्षा, रुको, देखो, सुनो, सोचो और फिर पार करो अर्थात् ग्रीन क्रॉस कोड के बारे में लोगों को जागरुक करना यातायात लाईटों को सीखना, रोड चिह्नों को समझना, सड़क के हालात के अनुसार रक्षात्मक चालन आदि सरकार द्वारा भी इसके लिए सख्त कानून बनाना चाहिए। जैसे हॉर्न पर प्रतिबंध लगाना । मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करना आदि। अंत में सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूँ-

 

“हे युवक, तू पहचान ले, अपनी अस्मिता को

न बिखरने दे अपनी क्षमता को

छोड़ दे व्यर्थ कि कलाबाजियाँ

स्वीकार कर अब सड़क नीतियाँ।”

 

निबंध लेखन :

‘हमारी सैर’ विषय पर निबंध लिखिए ।

उत्तर: सैर या यात्रा करना व्यक्ति का पसंदीदा शौक होता है। सैर पर जाना सभी को अच्छा लगता है। सैर शिक्षा का एक सफल साधन है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य चरित्र निर्माण होता है। जब हम सैर पर निकलते हैं, हमें अपनी चीजें सँभालनी पड़ती हैं। यात्रा में हमें अपना टिकट खरीदना पड़ता है और ठीक समय पर गाड़ी पकड़नी पड़ती है। धनी व्यक्ति अपने नौकर से यह सब करा लेते हैं, किंतु भारत में अधिकांश व्यक्ति स्वयं ही यह कार्य करते हैं।

छुट्टी में हम सब घूमने जाते हैं। हम हर बार नाना-नानी के घर पर जाते हैं। लेकिन इस बार हम हरिद्वार की तीर्थ यात्रा पर गए थे। यह यात्रा हमने ट्रेन से की। हमने वहाँ पर खूब मस्ती की। मेरे परिवार में पापा-मम्मी, दादा-दादी और बड़ी दीदी हैं।

 

हरिद्वार में हमारे गुरुजी का आश्रम है। हरिद्वार में हम सबने गंगाजी में स्नान कर आरती का आनंद लिया। हरिद्वार बहुत ही सुंदर स्थल है। सबसे पहले हम गुरुजी के आश्रम गए । फिर हमने मंदिरों के दर्शन किए। वहाँ ‘हरि की पौड़ी’ के सामने मनसा देवी का मंदिर है। दूसरी तरफ पहाड़ी पर चंडी देवी का मंदिर है। हरिद्वार में बहुत सुंदर मंदिर बने हैं।

 

दर्शनों के बाद हम हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर ऋषिकेश गए । वहाँ राम व लक्ष्मण झूला नामक पुल है। यह पुल गंगा नदी पर बने हैं। पहाड़ों के बीच बहती गंगा नदी का दर्शन बड़ा मनोरम प्रतीत होता है। यहाँ से खूब बड़े-बड़े पहाड़ दिखते हैं।

 

हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी पर हमने मस्ती की। मुझे वहाँ नई-नई जानकारी मिली। हरिद्वार में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आ हैं। यहाँ पर १२ साल में कुंभ का मेला लगता है। कुंभ के मेले में बहुत से साधु-संत आते हैं। हरिद्वार से लगभग कुछ ही दूरी पर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के पवित्र धाम भी हैं। हमारी यात्रा बहुत ही रोमांचक व यादगार रही।

 

हमने घूमने का मजा भी लिया और हमारी तीर्थ यात्रा भी हो गई। यहाँ हमें प्रकृति की सुंदरता देखने को मिली। अब अगली गर्मियों में हम चारधाम की सैर करेंगे।

भाषा बिंदु

(१) संधि पढ़िए और समझिए।

Screenshot 20230926 163257 Google PDF Viewer पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

उपरोक्‍त उदाहरण में (१) में गै + अन, विद्‌या + अर्थी , प्रति+एक शब्‍दों में दो स्‍वरों के मेल से परिवर्तन हुआ है अतः यहाँ स्‍वर संधि हुई । उदाहरण (२) में उत्+नति, वाक्+मय, सत्+भावना शब्‍दों में व्यंजन ध्वनि के निकट स्‍वर या व्यंजन आने से व्यंजन में परिवर्तन हुआ है अतः यहाँ व्यंजन संधि हुई । उदाहरण (३) में विसर्गके पश्चात स्‍वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में परिवर्तन हुआ है । अतः यहाँ विसर्ग संधि हुई ।

(२) निम्न संधि का विग्रह कर उनके प्रकार लिखिए :

१. थोड़ी ही देर में हाॅटेल के स्‍वागत में आसीन थे ।
२. हमारी मंजिल थी सूर्यास्‍त केंद्र बिंदु ।
३. सब कुछ इतना सुंदर सजीव और मनोहर था ।
४. रेखांकित प्रत्येक लोकोक्ति को सोदाहरण लिखो ।
५. उपर्युक्त वाङ्मय दुष्कर एवं अत्यधिक दुर्लभ है।
६. भारतीय कलाकारों का सम्‍मान तथा उन्हें नमन करने का मन करता है ।

IMG 20230926 162904 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

उत्तर: 

IMG 20230926 162943 पाठ ८ – वीरभूमि पर कुछ दिन

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