पाठ – पुनरावर्तन – ४
१. सुनो और दोहराओ:
२. तुम्हारे मित्र के पास कॉपी खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं । तुम्हारी माँ ने मेला देखने के लिए तुम्हें तीस रुपये दिए हैं, इस स्थिति में तुम्हारे मन में कौन-से भाव जगते हैं, बताओ ।
उत्तर: सुयोग मेरा बहुत अच्छा मित्र है। उसके पिता नहीं है। माँ काम पर जाती है और जैसे तैसे माँ-बेटे का गुजारा होता है। सुयोग माँ का दर्द जानता है । वह चाहता है कि जल्दी से पढ़-लिखकर बड़ा हो जाऊँ और माँ की मदद करूँ । गरीबी में भी वह नैतिकता नहीं भूला है । वह मेहनती है, स्वाभिमानी हैं, कभी किसीसे कुछ माँगता नहीं है। आज उसके पास कॉपी खरीदने के लिए पैसे नहीं है। मैं उसकी मदद करना चाहता हूँ। गाँव में मेला लगा है। मेरे दूसरे मित्र मेला देखने जा रहे हैं। मुझे भी माँ ने तीस रुपये दिए और दोस्तों के साथ जाने की अनुमति दी । हाथ में पैसे आते ही मुझे सुयोग याद आया । अब मेरा मन डाँवडोल होने लगा। एकतरफ मेले के झूले और गन्ने का ज्यूस आकर्षित कर रहा था तो दूसरी तरफ सुयोग की कॉपी। मन की खींचातानी में मैं बाजार पहुँचा। मैंने सुयोग के लिए कॉपी खरीदी और उसे मित्रता का वास्ता देकर लेने पर मजबूर किया। इस तरह आज मित्रता की जीत हुई। मुझे मन में एक अद्भुत शांति और आनंद का एहसास हुआ।
३. पढ़ो और समझो :
विद्यालय : जहाँ विद्यार्थी पढ़ते हैं ।
खेल खेलने वाला : खिलाड़ी ।
जादूगर : जादू दिखाने वाला ।
सच बोलने वाला : सत्यवादी ।
४. सिग्नल के चित्रों का वाचन करो और सिग्नल पार करते समय तुम क्या सावधानी बरतते हो, लिखो :
उत्तर: यातायात की सुविधा के लिए हर चौराहे पर सिग्नल और जेब्रा क्रॉसिंग है। सिग्नल की तीन बत्तियाँ वाहनों के लिए होती हैं। लाल बत्ती जलने पर वाहनों को रुक जाना है, पीली बत्ती जलने पर तैयार हो जाना है और हरी बत्ती जलने पर चलना है। पादचारियों के लिए भी इसी तरह तीन बत्तियाँ जलती है। लाल बत्ती जल रही हो तो कभी सड़क पार नहीं करनी चाहिए। पीली बत्ती जली हो तो सावधानी बरतनी चाहिए। सड़क पार होने जितना समय न हो तो रुकना ही बेहतर होता है और हरी बत्ती में तो चलता हुआ आदमी का चित्र ही दिखता है इसका मतलब उस समय आराम से सड़क पार करनी चाहिए।
कृति / उपक्रम