पाठ – पुनरावर्तन – १
१. सुनो और दोहराओ :
बन-वन, पर-फर, उन ऊन, आधा-सादा, कार-खार, सात-साथ, गृह-ग्रह, वाणी-पानी, मेघा-मेघा, ऋचा – कृपा, शेर-सेर, चरण-चारण, कपड़ा डबरा, लोरी-लॉरी, शाप-साँप, उधार-उघाड़, सरपट-सरपत ।
२. तुम अपने पड़ोस के बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करते हो, बताओ ।
उत्तर: मैं अपने पड़ोस के बच्चों के साथ खुशी-खुशी खेलता हूँ। हम साथ में खिलौने से लेकर खेत में दौड़ने तक कई मजेदार गतिविधियाँ करते हैं। मैं उनके साथ बच्चों की भाषा में बात करता हूँ और उनके सवालों का ध्यान से उत्तर देता हूँ। हमारा संबंध प्यार और समझदारी पर आधारित होता है।
३. अनुरेखन करो और पढ़ो:
उत्तर:
४. दिए गए प्राणियों और उनके घर की उचित जोड़ी मिलाओ :
उत्तर:
५. तुम्हारे बनाए हुए रेत के घरौंदे को किसी ने तोड़ दिया तो तुम क्या करोगे ।
उत्तर: यदि कोई मेरे रेत के घरौंदे को किसी ने तोड़ दिया तो, मैं उसे फिर बनाऊंगा। मैं बदले की भावना से उसका घरौंदा नहीं तोडूंगा मैं फिर से अपने घरौंदे को इतना पक्का बनाऊंगा तो कि कोई मेरे घरौंदे को कोई तोड़ नहीं सकते है। मुझे दूसरों के सामने अपने आप को कमज़ोर नहीं बनाना है, मुझे दूसरों के सामने मज़बूत बनके सामने वाले को हराना है। मुझे हिम्मत रखकर आगे बढ़ना है।
कृति / उपक्रम