‘माँ’ शब्द सुनते ही मन खिल उठता है। जीभ पर एक चाशनी सी फैल जाती है। माँ मेरे लिए मानो मेरी पूरी दुनिया है।
मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ करने को हमेशा तैयार रहती है। मैं माँ के बिना नहीं रह सकता। मेरी माँ भी मेरे बिना बेचैन हो जाती है। हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। इस सुंदर धरती पर मुझे लाने वाली भगवानों की दूत मेरी माँ ही है।
जब छोटा था तब भी वो मुझे अपने सीने से लगाए रखती थीं। मेरी हर जरूरत उसी के हाथों पूरी हुई हैं आज जब मैं स्कूल जाने लगा हूॅं, तब भी माँ मेरे लिए सदा ही उपस्थित रहती है।
मेरी माँ मुझे सबेरे जल्दी उठा देती है। जब मैं नहा-धोकर तैयार हो जाता हूँ, तब वह मुझे नाश्ता कराती है। फिर वह दोपहर के खाने का डिब्बा तैयार कर देती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल बस में बिठा देती है। स्कूल छूटने पर जब मैं स्कूल बस से घर पहुँचता हूँ, तब मुझे लेने के लिए वह सामने आती है। गृह कार्य पूरा करने में माँ मेरी सहायता करती है।
मेरे खान पान से ले कर मेरी प्रायः हर एक वस्तु का माँ पूरा ध्यान रखती है
मेरी माँ मेरे मित्रों को भी प्यार करती है। जब मेरे मित्र मेरे घर आते हैं, तब मेरी माँ उन्हें कुछ न कुछ खाने को जरूर देती है। मेरे जन्मदिन पर माँ पार्टी आयोजित करती हैं मुझे ढेरों उपहारों के साथ उन का स्नेह और आशीर्वाद भी मिलता है.
माँ मेरे स्वास्थ्य के साथ मेरी अच्छी शिक्षा का भी ध्यान रखती है।
मेरी माँ हमेशा मुझे अच्छी-अच्छी बातें सिखाती रहती है। कभी-कभी मेरी गलतियों पर वह मुझे डाँटती भी है। माँ की डाँट मुझे बिलकुल बुरी नहीं लगती। जब कभी पिताजी मुझ पर गुस्सा होते हैं, तब माँ मुझे बचाती भी है।
मेरी माँ मेरे लिए भगवान समान हैं। वह सारा घर सँभालती है। वह घर को हमेशा साफ-सुथरा रखती है। वह मेरे दादा-दादी की पूरी सेवा करती है। समय निकाल कर वह मेरे साथ खेलती भी हैं।
मैं भगवान से यही विनती करता हूँ कि मेरी माँ जैसी ही माँ हर बच्चे को मिले।